नेशनल बास्केटबॉल फाइनल मैच

नेशनल बास्केटबॉल फाइनल मैच हो रहा है। खेल अपने निर्णायक पलों में है। देश की दो बेहतरीन टीम आमने-सामने है। दिल्ली 80 पाइॅटं स्कोर कर चुकी है,और चार पाइंट की लीड लेते हुए कर्नाटक 84 पर है। मैच खत्म होने में 20 सेंकड बाकी है। वक्त खत्म होता जा रहा है और फासला बढ़ता जा रहा है। बैकग्राउंड से कोच खिलाडि़यों का हौसला बढ़ा रहा है। यह आवाज है आमिर खान की और यही है उनकी अपकमिंग फिल्म सितारे जमीन पर के ट्रेलर की बानगी। 2007 में आई फिल्म तारे जमीन पर का सीक्वल है यह फिल्म हालांकि फिल्म की बस थीम वैसी है।
स्पैनिश फिल्म कैंपियोनस का रिमेक
कहानी बिल्कुल अलग है। यह स्पैनिश फिल्म कैंपियोनस का रिमेक है। यह फिल्म 16 बच्चों की कहानी है1 जिन्हें डाउन सिंड्रोम है। इस फिल्म में आमिर खान का किरदार गुलशन बास्केटबॉल कोच है। वो गुस्सैल , चिड़चिड़ा, शराब भी पीता है। बदतमीज और बेलिहाज है। एक दिन ये तुनक मिजाज आदमी अपने सीनियर पर हाथ उठा देता है। शराब के नशें में पुलिस की गाड़ी ठोक देता है और फिर उन्हीं से सवाल करने लगता है। यह कोई जगह है पार्क करने की। इस सीन को देखते हुए पिछले दिनों आई अभिषेक बच्चन और सयामी खेर की फिल्म घूमर याद आती है।
जिसे उसका ड्यू क्रेडिट नहीं मिल सका। खैर ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में गुलशन को एक अनोखी सजा सुनाई जाती है। उसे 3 महीनों के लिए इंटेलेक्चुअली डिसेबल बच्चों की बास्केटबॉल टीम को ट्रेनिंग देनी है। कोर्टमें जज के सामने उन बच्चों को पागल बोलने के लिए गुलशन पर पहले 500 और वह शब्द बार बार दोहराने पर 500 हजार रूपये का जुर्माना अलग से लगाया जाता है।
नॉर्मल और एबनॉर्मल
यह सीन अपने आप में काफी है यह साबित करने के लिए इस फिल्म को कितनी संवेदनशीलता के साथ बनाया गया है। अब गुलशन उन बच्चों को कैसे नेशनल बास्केट लीग के फाइनल तक ले जाता है फिल्म में यही देखने को मिलेगा। सितारे जमीन पर का ट्रेलर पक्का आमिर खान मार का है। फिल्म में उसी किस्म का ह्यूमर है जैसा आमिर खान की फिल्मों में देखने को मिलता था। जो लंबे समय से मिसिंग था। तारे जमीन पर की तरह बड़ी संजीदगी से नॉर्मल और एबनॉर्मल के बीच जो लकीर है उसे मिटाने की कोशिश यहां भी नजर आती है क्योंकि नॉर्मल जैसा कुछ होता ही नहीं है। सबका अपना-अपना नॉर्मल है। यह इस फिल्म की टैगलाइनहै। इस ट्रेलर में दो और दिलचस्प बातें हैं जो यह बताती हैं कि इस फिल्म को बनाने वाले असलियत से बेहद करीब है।

ट्रेलर में क्या है
फिल्म में एक सीन है जब 5000 हजार रूपये का जुर्माना झेलने के बाद गुलशन अपनी मॉं से शिकायत कर रहा होता है कि पागल को पागल ना बोले तो क्या बोले इसके जवाब में उसकी मां ताने मारते हुए कहती है, टिंगू को टिंगू ना कहें। टिंगू यानी कम कद वाला व्यक्ति। यह टिप्पणी आमिर के हाइट पर भी थी इसे सेल्फ डिपकेटिंग ह्यूमर कहा जाता है। यानी अपना मजाक बनाना। इससे यह मालूम पड़ता है कि आमिर अपने कद को लेकर असुरक्षित नहीं है और वह अपना मजाक देश भर के सामने उड़ा सकते हैं क्योंकि उनकी मेल ईगो फिजाइल नहीं है। मेकर्स ने फिल्म में इस कमेंट को थोड़ा हेरफेर करके इस्तेमाल किया है जो यह बताता है कि उन्हें अपने आसपास चल रही चीजों के बारे में पता है। जब देश भर में सिर्फ एक्शन और थ्रिलर फिल्में बन रही है। तब आमिर खान सितारे जमीन पर जैसी फिल्म लेकर आए हैं।

ओवरऑल सितारे जमीन पर प्यारी फील गुड फैमिलीए एंटरटेनर लग रही है जो एक जरूरी और गंभीर मसले पर बात करती है। बस एक चीज की कमी लगती है। वो है इमोशन। इस तरह की फिल्मों का भावनात्मक पक्ष मजबूत होना चाहिए क्योंकि किरदार के रिडेंशन आर्क में बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है। सितारे जमीन पर के ट्रेलर में वह नहीं दिखता। हो सकता है कि मेकर्स ने जान बूझकर फिल्म का वह पहलू ट्रेलर से बाहर रखा हो।
ट्रेलर देखने के बाद यह कहने में कोई गुरेज नहीं होनी चाहिए कि सितारे जमीन पर से आमिर अपने पुराने रंग में लौटे है। दिलचस्प बात यह है कि जो आमिर का कंफर्ट जोन है वो कईयों के लिए एक्सपेरिमेंटल सिनेमा है। सितारे जमीन पर के मेकर्स इसलिए भी तारीफ के पात्र है क्योंकि उन्होंने इस फिल्म के लिए 10,000 बच्चों के ऑडिशन किए और सिर्फ उन्हीं बच्चों को फिल्म में कास्ट किया जिन्हें असलियत में भी डाउन सिंड्रोम है। इस फिल्म में आमिर खान के खान के साथ जिन लेडीसूजा , गोपी कृष्णन , डॉलीहलवालिया, गुरपाल सिहं और बृजेंद्र कला जैसे एक्टर्सने काम किया है। फिल्म को डायरेक्ट कियाहै शुभ मंगल सावधान वाले आर एस प्रसन्न ने।सितारे जमीन पर 20 जून को थिएटर्स में रिलीज हो रही है।
एक सुपर हिट फिल्म देना और एक फिल्म को सुपरहिट बना देना इन दोनों बातों में जमीन आसमान का फर्क होता है। आजकल जमाना दूसरे वालों का है जिन्होंने बॉक्स ऑफिस का मजाक बना रखा है। ऐसे में उसका तो लौट के आना ही पड़ेगा जिसने सिनेमा को ना सिर्फ100 करोड़ 200 करोड़ का मतलब सिखाया बल्कि फिल्मी पर्देपर हटके रियल लाइफ को बदलने वाला सिनेमा बनाया। आमिर खान का कम बैक हो रहा है पूरे 920 दिन बाद और सुनने में आया है इन्होनें फिर से तगड़ा दिमाग लगाया है। इसीलिए राजकुमार ईरानी के साथ तीसरी फिल्म करने का प्लान बनाया है।
लेकिन वहां तक पहुंचना है तो पहले 2025 से गुजरना पड़ेगा। एक बार फिर से इस नई ऑडियंस और नए बॉलीवुड के बीच में खुद को चैंपियन साबित करना पड़ेग। चैंपियन इसी नाम की एक स्पेनिश फिल्म का हिंदी रीमेक है आमिर खान की नेक्स्ट सितारे जमीन पर जिसको ना सिर्फ हिंदी वर्जन में नए एक्टर्स के साथ दोबारा क्रिएट किया जाएगा बल्कि पुरानी कहानी में बहुत कुछ नया जोड़ा जाएगा। 200 सेंकड का ट्रेलर आया है। साथ में वही पुराने वाले आमिर खान को वापस लाया है जिसको जमाने से बहुत अलग चलने की आदत है। जब मास सिनेमा का फैशन चल रहा है। हर कोई जबरदस्ती का एक्शन कर रहा है। आमिर खान ने ऐसी फिल्म बनाई जिसमें इमोशन को बीच में रखकर कहानी दिखाई है। वैसे तो ट्रेलर एकदम सीधी लाइन में चल रहा है।
कुछ ज्यादा ऊपर नीचे एक चौंकाने वाले या फिर रोगटे खड़े करने वाला ट्विस्ट नहीं डाला है। लेकिन जिन लोगों के साथ यह ट्रेलर आया है। उन्होंने आज से पहले कभी सिनेमा नहीं बनाया है। यह सिर्फ स्पेशली एबल्ड बच्चे नहीं है। सारे नए पहली बार के एक्टर्स भी है। तो उस हिसाब से इस ट्रेलर को देखोगे तब अच्दे से समझोगे आमिर खान ने कितना कोशिश किया है। एक सिनेमा को ऑलमोस्ट रियल जिंदगी सा बना दिया है।
200 सेंकड में कहानी तो अच्छी खासी समझ आ गई है। एक अक्रू टीचर बच्चें को कुछ नया सिखाने जाता है। बदले में खुद उन बच्चों से कुछ नया सीख के आता है। और जब इन सबके बीच में स्पेशली एबल्ड वाला एंगल डाला जाता है तो वहां से यह मामूली सिनेमा और ज्यादा स्पेशल लगने लग जाता है। देखो इस बात कोई शक नहीं है। अगर बॉलीवुड में इमोशनल ड्रामा फैमिली सिनेमा का कमबैक होगा तो वह इसी चेहरे इसी नाम से होकर गुजरेगा।
अभी ट्रेलर में हमने सिर्फ हंसी मजाक देखा है लेकिन बहुत मुश्किल होगा थिएटर में वो देखना जो इस ट्रेलर में अभी तक मेकर्स ने छुपा के रखा है। इस फिल्म के डायरेक्टर वो है जिन्होने शुभ मंगल सावधान को बनाया था और फिल्म के बोल्ड सब्जेक्ट से सबको चौंकाया था। तो सोचो यह बंदा आमिर खान के साथ क्या-क्या कर सकता है। इस नई फिल्म की कहानी में कितना स्कोप है ऐसी चीजें दिखाने का जो दिमाग हिला सकता है। ट्रेलर के वन लाइन सुनकर जितना कॉमेडी आप फील कर रहे हो । उसके पीछे एक हिडन मैसेज को उतनी ही आसानी से इग्नोर कर रहे हो।

यह कॉमेडी ट्रेजडी में बदल जाएगी। तब यह फिल्म आपको बहुत रूलाएगी। वैसे आपको पता या नहीं इस फिल्म को तारे जमीन पर का सीक्वल बोला है खुद आमिर खान ने। अब ट्रेलर के बाद मुझे नहीं लगता दोनों फिल्मों की कहानी किसी तरह एक दूसरे से जुड़ी होगी। लेकिन हां, मैसेज देने की कोशिश उस फिल्म में की गई थी वह दोबारा फिर से इस नई फिल्म में भी रिपीट होगी। नॉर्मल शब्द का मतलब हर किसी के लिए अलग हो सकता है। इस बात पर पूरी फिल्म टिकी होगी। झूठ नहीं बोलूंगा। एक आमिर खान की फिल्म के ट्रेलर से एक्सपेक्टेशंस और भी बहुत ज्यादा थी। उस हिसाब से थोड़ा फीका पड़ गया आमिर खान का परफेक्ट कमबैक।

लेकिन खुद आमिर खान इस ट्रेलर में एकदम मस्त लग रहे है। नोटिस किया कितनी आसानी से बाकी स्पेशली एबल बच्चों के साथ फिट हो गए है। एक भी सीन अजीब सा नहीं लगने दिया और वापस आ गई है हम सबकी प्यारी जेनेलिया। ट्रेलर में इनको बच्चें के साथ जान बूझ के नहीं दिखाया क्योंकि इनके कैरेक्टर को ही इस कहानी का एक्सपेक्टर है बनाया। लेकिन हां, जैसे ही ट्रेलर थोड़ा सा आगे बढ़ा, हल्का सा डर है लगने लगा। याद तो सबको होगा लाल सिंह चड्ढा जितना ओवरएक्टिंग आमिर ने पूरे करियर में कभी नहीं किया होगा। तो बहुत पतली सी लाइन है इस ट्रेलर में आमिर की नेचुरल एक्टिंग और ओवर एक्टिंग के बीच में।

लेकिन मुझे लगता है फिल्म के इमोशंस इन सब चीजों पर पर्दा डाल देगें और आमिर खान सबको करारा जवाब देगें।लेकिन 2025 में रीमेक वो भी ऐसी फिल्म का जो तीन- चार बार ऑलरेडी रीमेक हो चुकी है। क्या सच में आमिर खान की टीम इतनी भोली है जो देवा बेबी जॉन के करियर फेलियर भूल चुकी है। रीमेक है सबको पता है लेकिन हिट फ्लॉप के बीच में इस बार आमिर खान खड़ा है। लेकिन ऐसी फिलमों के ज्यादा ना चलने के बाद ऑडियंस के दिल में क्या है वो कोई नहीं जानता है। लेकिन हां एक बात जरूर बोलूंगा। इस ट्रेलर में आमिर खान को इन बच्चों के साथ देखकर अगर कोई ऐसा बोलता है कि इस फिल्म को देखने का मन नहीं कर रहा तो वह झूठ बोल रहा है। उस पे यह डायलॉग फिट बैठ रहा है। 20 जून को फिल्म रीलीज होगी और पब्लिक के हाथोंमें आमिर खान की वापसीकी डोर होगी तबतक वेट क्यों करना
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