Hit 3 review

इंडिया सिनेमा में बहुत सारी यूनिवर्स फ्रेंचाइज दबा के पैसा बनाती है।लेकिन एक है जो बिल्कुल चुपचाप अपना काम कर रही है, और अब जिसके नाम से पब्लिक डर रही है। एचआईटी जिसको हम लोग गलती से हिट बोलते है, उसका पार्ट 3 रिलीज हुआ है, और जिसने फिल्म को थिएटर में देखा होगा वो पक्‍का घर आकर चुप तो नहीं बैठा होगा। बहुत कम ऐसी मूवी बनती है जिनके बारे में हर किसी को बताने का मन करता है क्‍योंकि इतनी बड़ी इंडस्‍ट्री है

फिल्म में क्या है

लेकिन सिर्फ एक ऐसी फिल्‍म आती है जो सारी लिमिट्स को क्रॉस कर जाती है। सीधी-सीधी वार्निंग है। फिल्‍म को 18 साल से कम लोगों को बिल्‍कुल नहीं देखना चाहिए और अगर वे फैमिली जाने का सोच रहे हो तो असली फिल्‍म तो आप लोगों पर बननी चाहिए। ऐसी हिम्‍मत मत करना। एनिमल,मार्को और पता नहीं क्‍या-क्‍या नाम दिए जा रहे है। लेकिन एक्‍चुअली में यह खुद की पहचान बना सकती है। किसी और फिल्‍म की जरूरत ही नहीं है इसको।

फर्क इतना सा है उन दोनों फिल्‍मों की कहानी में गलती से मर्डर हो रहे थे। लेकिन इस फिल्‍म में अलग-अलग मर्डर्स को आपस में जोड़कर एक कहानी बनाई गई है। समझे होशियार और बेस्‍ट चीज यह है कि फिल्‍म के 3 पार्ट को देखने के लिए बाकी दोनों पार्ट वन पार्ट टू देखना बिल्‍कुल जरूरी नहीं है। तीनों फिल्‍मों का आपस में कोई डायरेक्‍ट कनेक्शन नहीं है। यह एचआईटी फ्रेंचाइज की हर फिल्‍म का कांसेप्‍ट एकदम सेम रहता है। कोई साइको सीरियल किलर होगा जो एक के बाद एक शिकार करेगा लेकिन फिर उस कहानी में उसका बाप आ जाता है। हिट‍ 3 में इस बाप का नाम है, अर्जुन सरकार।

अर्जुन सरकार कौन है

एक ए ग्रेड शेड पुलिस ऑफिसर माने दिल तो पुलिस वाला ही है लेकिन दिमाग से यह गुंडागर्दी में प्रिंसिपल बन सकता है। एक्‍शन फिल्मों में जो एक्‍शन होरोज करते हैं लेकिन उनके सामने एक विलेन होता है जो बुरा बनके बहुत बुरे काम करता है। वो भी अर्जुन सरकार के सामने हीरो जैसा लगेगा। फिल्‍म की शुरुआत ही एक ऐसे अनएक्‍सेक्‍टेड सीने के साथ होती है जिसमें एक पुलिस ऑफिसर किसी आदमी को उल्‍टा लटका के उसकी गर्दन बड़े आराम से काट रहा है और ऐसा करते वक्‍त फोन पर सब कुछ रिकार्ड भी हो रहा है। बस यही वो चीज है जिस वजह से पार्ट 3 का इतना ज्‍यादा हाइप बन गया है।

सीन में ऐसा क्या है

वायलेंस वो भी ऐसा वैसा नहीं जो आपको अपनी मर्जी से अंधा बनने पर मजबूर कर दे ऐसा खूनखराबा। पूरे ढाई घंटे की फिल्‍म में आपके हाथ ऊपर उठे रहेंगे क्‍योंकि पता नहीं फिल्‍म में कब कौन सा ऐसा सीन आ जाए जिसके लिए आंखे बंद करनी पड़ जाए। यह फिल्‍म वार्निंग नहीं देती। वैसे इस बार कहानी एक्‍स्‍ट्रा स्‍पेशल इसलिए है क्‍योंकि कोई मामूली मर्डर केस नहीं दिखाया गया है। सीधा डार्क वेब की दुनिया की दरवाजा खोला गया है। डार्क वेब इसके बारे में सिर्फ सुना होगा आपने जहां हर वो काम होता है। जिसको करने से पहले कोई भी इंसान 100 बार सोचता है। चोरी,मर्डर, किडनैपिंग यह सब बहुत मामूली है। डार्क वेब का असली जादू खून खराबे में है। यह इंसान के दिमाग के साथ खेलना चाहता है।

पैसा नहीं चाहिए। पूरा इंसान चाहिए। या तो वह आपको खुद की जान लेने पर मजबूर कर देगा या फिर ऐसे राक्षस में बदल देगा कि किसी दूसरे की जान लेने में आपको मजा आने लगेगा। यह है डार्क वेब की असली दुनिया। लेकिन यह पूरा बना बनाया गेम बदल जाएगा जब इस काली दुनिया से भी काले दिमाग वाला इस खेल का नया खिलाड़ी बनके अपना अगला शिकार करने आएगा। अर्जुन सरकार की सबसे बड़ी खासियत यही है कि वो सामने वाले को सिर्फ अपना दुश्‍मन मानता है। लड़का-लड़की के बीच फर्क नहीं करेगा। जिसका हाथ मिला उसको तोड़ के फेंक देगा। और इन्‍हीं सब हरकतों की वजह से ज्‍यादा चौंकना मत अगर कुछ दिनों के बाद फिल्‍म को बैन करने की डिमांड मार्केट में घूमने लग जाए।

बाकि फिल्मों से खतरनाक क्यों है

ठीक जैसे एनिमल और मार्को के साथ भी हुआ था। फिल्‍म में सब कुछ दिखाया गया है। सब कुछ बोला गया है जो इंडियन सिनेमा के संस्कारों के खिलाफ जाता है। इसलिए कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना। वैसे काफी बड़ा अंतर है इन तीनों मूवीस के बीच में। एक तरफ फैमिली के लिए वायलेंस किया गया था। इमोंशस की वजह से फिल्‍म को लाल किया गया था। लेकिन बेचारे अर्जुन सरकार की फैमिली में सिर्फ बदूंक है , तलवार है। फिर एक अजीब सी कुल्‍हाड़ी जिसने इतनी गर्दन काटी है जितना किसी का फैमिली ट्री भी नहीं होता।

कहने का मतलब है कि हिट 3 एक ब्रूटल फिल्‍म है पारिवारिक माहौल की उम्मीद मत करना। ना तो कहानी में और ना ही एक्शन सीसं में इमोंशस की उम्‍मीद मत रखना। सिर्फ काटना है और जीतना है। जो लोग इस फ्रेंचाइज को एकदम शुरुआत से फॉलो कर रहे है। आपके लिए फिल्‍म में दो बड़े सरप्राइजेस हैं बॉस। एक का कनेक्शन तो सीधा एलसीयू से भी जुड़ा है। नहीं मानते तो फिल्‍म देख लेना। लेकिन फिल्‍म प्रॉपर वन मैन शो है। द नेचुरल स्‍टार नानी। नाम के आगे द लगाना ही पड़ेगा क्‍योंकि जैसा पागलपन वाला काम इन्‍होंने किया है वैसा रोल बाकी एक्‍टर्स करने में भी डर जाएंगे।

फिल्म को कितने स्टार मिलना चाहिए

क्रेडिट देना पड़ेगा फिल्‍म बनाने वाले डायरेक्‍टर को भी जिन्‍होने इतने बोल्‍ड तरीके से फिल्‍म को एक्‍टर को प्रेजेंट किया लेकिन एक्टर भी उस लेवल का था। जिसके हर एक सीन ने पब्लिक का होश उड़ा दिया। फिल्‍म की हिंदी डबिंग नानी ने खुद की है। और बहुत कमाल की लग रही है । डायलाग्‍स एकदम पावरफुल है। फुल ऑफ एनर्जी है। उनका बीच-बीच में जोर से चिल्‍लाना रोंगटे खड़े कर देता है।

फिल्‍म को पांच में से 3.5 स्‍टार्स मिलेगे। लेकिन देखना सिर्फ तभी जब आपको ऐसा सिनेमा पसंद आता हो। क्‍योंकि कहानी के नाम पर फिल्‍म में ज्‍यादा कुछ नहीं है। आनली वायलेंस।

फिल्म में कमियां क्या है

एक स्‍टार फॉर ब्रूटर एक्‍शन, दूसरा नानी का मॉन्‍सर परफॉर्मेंस , तीसरा खून खराबे वाला क्रिएटिव डायरेक्‍शन और एक्‍स्‍ट्रा आधा डार्क वेब कांसेप्‍ट। नेगेटिव्‍स में स्‍टोरी लाइन और अच्‍छी हो सकती थी। टविस्‍ट एंड टर्न्‍स डाले जा सकते थे। प्‍लस यह जो ग्रे साइड था । अर्जुन सरकार का उसने मारपीट तो खूब की लेकिन दिमाग से हमेशा पॉजिटिव ही दिखाया इनको। थोड़ा एनिमल जैसा इमोशन आ जाता तो गेम बदल जाता। हिट 3 को जल्‍दी से देख लो। इससे पहले कि फिल्‍म के खिलाफ सेंसर बोर्ड की नींद खुल जाए और कोशिश करना थिएटर में ही देखो। ऐसी फिल्‍म अगली बार पलता नही कब बनेगी।

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