जब कुछ साल पहले सुजीत सरकार ने विक्की कौशल के साथ सरदार उद्धम बनाई थी तो उस मूवी ने जलियांंवाले बाग मसाकर को एक ऐसी रोशनी दी जिसके हॉरर को आज तक नहीं भूल पाता और जब मुझे पता चला कि उस मसाकर की एक और डायरेक्शन है जिसने नाॅर्थ और साउथ को एक किया एंड सब ने मिलकर अपनी लड़ाई ब्रिटिश क्राउन से लड़ी तो उस कहानी को मैं miss नही कर सकता था। जहां बिना किसी शक के यह बात मैं कह सकता हूं कि Kesari chapter 2 The untold story of Jallianwala bag is one of the most Proudest Movies of Akshaya Kumar जिसमें Weirdest Editing है। मतलब कि बहुत अजीब तरीके से इस पूरी पिक्चर को एडिट किया गया है लेकिन फिर भी जो फिल्म का मेन अक्स है जो दिखाता है कि हमारे पुरखरों ने क्या – क्या लड़ाईयां नहीं लड़ी किस – किस तरह से नहीं लड़ी ताकि हम एक आजाद देश में जी सके। उस लाइट को यह फिल्म जाने नहीं देती।
इस फिल्म की स्टोरी यह है कि सर श्री शंकर नायर जो कि एक बहुत ही डेकोरेटेड इंडियन लॉयर स्टेट्स में रह चुके हैं। उन्होंने अपने करियर के शुरूआती दिनों में अपनी सर्विज ब्रिटिश एंपायर को रेंडर करी और उन्हें हर तरफ से लींगल प्रोफेशनल और एडमिनिस्ट्रेटिव हेल्प दी गई जिससे ब्रिटिश राज बहुत ज्यादा मजबूत भी हुआ।
जहां फिर आगे अपने करियर में अपार सफलता पाने के बाद इन्होंने अपनी सर्विज इतनी इंपेकेबल कर ली थी कि इन्हें ब्रिटिश क्राउन की तरफ से नाइटहुड भी दिया गया। लेकिन 1919 जलियांवाला बाग में सैकर का सच जानने के बाद इन्होंंने डिसाइड किया कि अब बहुत हो गया इनकी तरफ से लड़ना और अब हम वी विल सु दी क्राउन और लीगल तरीके से पूरी दुनिया को यह सच बताएंगे कि ब्रिटिश एंपायर कर क्या रहा है
भारत में पर जब इवेंचुअली जब कोर्ट जज ज्यूरी एग्जीक्यूशनरी सब उन्हीं का है और इंडिया गुलामी में जी रहा था तो कैसे आप क्राउन से जीत ही सकते हो। लेकिन फिर भी सी शंकर नायर न अपने फ्यूचर प्रोस्पेक्ट्स इतनी पावर पैसा और रिस्पेक्ट को छोड़ते हुए उन्होनें देश के लिए लड़ने के लिए को सोचा और अपने हारने के बाद भी पूरी दुनिया को यह वाकिफ कराया कि जलियांंवाला बाग मसाकर का सच क्या था। अब पूरी स्टोरी कैसे पैन आउट होती है उस आप एक्सपीरियंस करो वो ज्यादा better रहेगा। पर जो केसरी फ्रेंचाइज़ के साथ अक्षय कुमार ने एक नया रूट चुना हुआ है कि हम भविष्य में ऐसी और कहानियां लेकर आते रहेंगे वो डिसीजन मुझे काफी पसंद आया कि एक फ्रेंचाइज़ की साइंटिटी भी बनी रहेगी और हमें हर बार कुछ नई कहानियां भी देखने को मिलेंगी ।
जिसमें अब फिल्म की परफेंससेस की बात करें तो अगर माधवन क्या बंदे का जाम है भाई बहुत हार्ड जाता है। जहां पर्सनली आई फील लाइक कि थोड़ा सा और हमें इन्हें देखने को मिलना चाहिए था। थोडे़ और अंडर यूटिलाइज इस पूरी फिल्म में फील होते हैं लेकिन जितना भी इनका स्क्रीन प्रेजेंस था बहुत भी एक्सट्रीमली चार्मिंग और कमांडिंग था। लगता है देख के कि हां कोई थ्रेट है रूम के अंदर उनकी डायलॉग डिलीवरी में वो स्मूथनेस बहुत बहुत कमाल का नजर आता है। यह हाेता है कि एक परफेक्ट एग्जांपल कि एंजिग लाइक फाइन माइन।
अपनी ग्रेस को छुपाना नहीं बल्कि एंब्रेस करना अपनी पुरानी शख्सियत को अब तक एक आखिर बार एक नए इंसान को मौका देना जो कि बहुत हार्ड जाता है इनकी परफॉर्मेंस में । वहीं उन्हीं के बगल में अक्षय कुमार की ये वन ऑफ द बेस्ट परफॉर्मेंस में से एक है। काफी टाइम के बाद वाज़ एन एक्टर चमक रहे हैं ।
जहां बंदा टू्रूली शाइन करता है तो अपनी आखिरी स्पीच के अंदर और वहां मुझे फील हुआ किआर माधवन की प्रेजेंस को कोई अगर चैलेंज कर रहा है ताे अक्षय कुमार की डिलीवरी है। और यह बात कह सकते हो कि आखिरी की स्पीच ही इतनी शिद्यत और कमाल से लिखी गई थी कि साफ मेहनत नजर आती है और वहां अक्षय कुमार एज एन एक्टर नजर आ रहे थे जिन्हें पूरा इंडिया काफी टाइम से ढूंढ रहा था और इन्हीं बातों को देख के तो अभी पता नहीं फिल्म का भविष्य कैसा होने वाला है लेकिन यह बात तो कह सकता हूं कि ये फिल्म उनके करियर के लिए बहुत -बहुत ज्यादा जरूरी थी जो उनके एज एन एक्टर होने पर सवाल खडे़ करते थे जिनमें मैं भी था
ऑब्वियस सी बात है जब ऐसी फालतू फिल्में बनाते रहोंंगे तो लोग सवाल तो उठाएंगे ही लेकिन हां इस मूवी ने प्रूफ किया कि बंदा अभी भी उनके अंदर है और अपनी पुरानी शख्सियत को उन्हें रेस्ट देकर एक नए इंसान को उन्हें मौका देना चाहिए । जहां अगर अक्षय कुमार ठीक इसी ट्रेजिकरी के साथ आगे बढ़ते रहे तो भाई हमें उनका बहुत ही कमाल का फ्यूचर देखने को मिलेगा। फिल्म का पहला 10 मिनट तो आपको तोड़ने में जरा सा भी वेट नहीं करा था। वह मसाकर का हॉरर वो उन्होंने शुरू में ही दिखा दिया। सरदार उद्धम में लास्ट में हुआ था। लेकिन शूरू में दिखाया ग्रेविटी समझाने की कोशिश कर रहे थे कि हम किस चीज के लिए लड़ रहे है।
मुझे फिल्म बहुत ही अच्छी लगी क्योंकि कुछ नया देखने को मिला जिससे ऐसा कुछ नया ऐहसस करने को मिला मैं तो कहूंगा कि अक्षय कुमार पिछले फिल्मों से बहुत ही अच्छी है। मैं कहूंगा कि आपको भी यह फिल्म देखना चाहिए।
मेरे तरफ से तो इस फिल्म को 5 में से 4.5 स्टार देता हूं ।